आंचलिक उपन्यास का राष्ट्रीय प्रभाव: मैला आँचल’ का अध्ययन

Shodh Sangam Patrika

Shodh Sangam

Patrika

A National, Peer-reviewed, Quarterly Journal

  ISSN: 3049-0707 (Online)
ISSN: 3049-172X (Print)

Call For Paper - Volume - 2 Issue - 3 (July - September 2025)
Article Title

आंचलिक उपन्यास का राष्ट्रीय प्रभाव: मैला आँचल’ का अध्ययन

Author(s) किरण कुमारी.
Country
Abstract

फणीश्वरनाथ रेणु का उपन्यास मैला आँचल हिंदी साहित्य के आंचलिक उपन्यासों में एक अनूठी कृति है। यह उपन्यास बिहार के एक छोटे से गाँव, मेरीगंज, की पृष्ठभूमि पर आधारित है और ग्रामीण भारत की सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक परिस्थितियों का सजीव चित्रण करता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद के भारतीय ग्रामीण समाज की समस्याएँ, जैसे गरीबी, अशिक्षा, जातिवाद, और राजनीतिक भ्रष्टाचार, उपन्यास की कहानी का मूल केंद्र हैं। रेणु ने उपन्यास में आंचलिकता की अवधारणा को विस्तार से उकेरा है। उन्होंने पात्रों की बातचीत, लोक गीतों, और रीति-रिवाजों के माध्यम से स्थानीय संस्कृति और भाषा को प्रस्तुत किया है, जिससे पाठक गाँव के परिवेश से गहराई से जुड़ जाते हैं। उपन्यास में डॉक्टर प्रशांत जैसे नायक को दिखाया गया है, जो अपनी सेवा भावना के माध्यम से ग्रामीण समाज की बेहतरी के लिए कार्य करता है और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बनता है। इसके अलावा, अन्य पात्र जैसे कमला, मनोहर, और लखन समाज की विविध परतों और उनकी जटिलताओं को सामने लाते हैं। उपन्यास में राजनीति और अर्थव्यवस्था के बीच के संबंध और ग्रामीण जनता पर उनके प्रभाव को स्पष्ट रूप से दिखाया गया है। रेणु ने यह दर्शाया है कि स्वतंत्रता के बाद भी ग्रामीण भारत में आर्थिक विषमता और राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई थी। साहूकारों और जमींदारों द्वारा गरीब किसानों का शोषण और भ्रष्ट नेताओं के वादे ग्रामीण समाज की समस्याओं को और गहरा करते हैं।

Area हिन्दी साहित्य
Published In Volume 1, Issue 1, January 2024
Published On 10-01-2024
Cite This कुमारी, किरण (2024). आंचलिक उपन्यास का राष्ट्रीय प्रभाव: मैला आँचल’ का अध्ययन. Shodh Sangam Patrika, 1(1), pp. 1-9.

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