समाजिक संरचनाओं में साहित्य का योगदान: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन

Shodh Sangam Patrika

Shodh Sangam

Patrika

A National, Peer-reviewed, Quarterly Journal

  ISSN: 3049-0707 (Online)
ISSN: 3049-172X (Print)

Call For Paper - Volume - 2 Issue - 3 (July - September 2025)
Article Title

समाजिक संरचनाओं में साहित्य का योगदान: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन

Author(s) कुसुम सिंह .
Country
Abstract

यह शोधपत्र साहित्य और समाज के बीच के अंतर्संबंध पर केंद्रित है, जिसमें यह विश्लेषण किया गया है कि साहित्य समाज के विभिन्न पहलुओं को किस प्रकार से प्रभावित और प्रतिबिंबित करता है। अध्ययन में बताया गया है कि साहित्य, समाज की संरचनाओं, रीति-रिवाजों, और नैतिक मूल्यों को उजागर करता है और उनके विकास में योगदान देता है। लेखकों और साहित्यकारों के दृष्टिकोण से यह स्पष्ट किया गया है कि समाज और साहित्य के बीच का संबंध केवल आदान-प्रदान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के मूलभूत ढांचे को बदलने और उसमें सुधार लाने में सहायक है। विभिन्न कालखंडों के साहित्य का अध्ययन करते हुए यह निष्कर्ष निकाला गया है कि साहित्य समाज में समतामूलक विचारधारा और सुधारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है। यह समाज में व्याप्त जातिवाद, भेदभाव, और लैंगिक असमानता जैसे मुद्दों को उजागर करता है और समाज को जागरूक करने का माध्यम बनता है। साहित्यिक रचनाएँ केवल मनोरंजन के लिए नहीं होतीं, बल्कि वे समाज के सुधार और उत्थान के लिए एक प्रेरक तत्व के रूप में कार्य करती हैं।

Area हिन्दी साहित्य
Published In Volume 1, Issue 3, July 2024
Published On 17-07-2024
Cite This , कुसुम सिंह (2024). समाजिक संरचनाओं में साहित्य का योगदान: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन. Shodh Sangam Patrika, 1(3), pp. 1-9.

PDFView / Download PDF File