Article Title |
असगर वजाहत के नाटकों में सांस्कृतिक चेतना का स्वरूप |
Author(s) | गरिमा सिंह. |
Country | |
Abstract |
भारतीय संस्कृति एक सामासिक संस्कृति रही है। इसके निर्माण में बहुत लंबा समय लगा है इस कारण इसका मिलाजुला रूप दिखाई देता है। भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता है कि विभिन्न धर्म. जाति के लोग रहने पर भी इनर्क परम्परा. संस्कार. रीति-रिवाज. त्यौहार. भाषा अलग-अलग होने पर भी भारत संस्कति में एक समरूपता दिखाई देती है। असगर वजाहत एक ऐसे नाटककार हैं जिन्होंने अपने नाटकों के माध्यम से भारत के सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत किया है। इनके नाटक हिन्दू- मुस्लिम एकता की मिसाल प्रस्तुत करते हैं और भारतीय सांस्कृतिक चेतना को और भी मजबूत बनाने में सराहनीय योगदान देते हैं। |
Area | हिन्दी साहित्य |
Published In | Volume 2, Issue 1, February 2025 |
Published On | 04-02-2025 |
Cite This | सिंह, गरिमा (2025). असगर वजाहत के नाटकों में सांस्कृतिक चेतना का स्वरूप. Shodh Sangam Patrika, 2(1), pp. 1-8. |