| Article Title | खुसरो के साहित्य में समाज | 
| Author(s) | डॉ० मनीष ओझा. | 
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| Abstract | खुसरो का साहित्य तत्कालीन भारतीय समाज का जीवंत दस्तावेज़ है। यह वह समय है जहाँ विविध धर्मों, सम्प्रदायों, भाषाओं और संस्कृतियों का समागम हुआ। सात सौ वर्ष पहले का मध्यकालीन भारतीय समाज और उसकी संस्कृति को देखना हो तो अमीर खुसरो के साहित्य को विपुल कोष भंडार कहा जा सकता है । प्रचलित रीति-रिवाज़, बोली-बानी, वेश-भूषा, खान-पान, तीज-त्योहार, लोक विश्वास, लोक गीत-संगीत, दैनिक जीवन का रूप रंग, प्रतिदिन होने वाले क्रियाकलाप, नगर एवं ग्रामीण जीवन की झलक और ललित कलाएँ ; यानी संपूर्ण तत्कालीन भारतीय नगरीय जीवन की थाप तथा ग्रामीण जीवन की मधुर झंकार को उनके साहित्य में सुना जा सकता है । | 
| Area | हिन्दी साहित्य | 
| Issue | Volume 2, Issue 2 (April - June 2025) | 
| Published | 20-05-2025 | 
| How to Cite | Shodh Sangam Patrika, 2(2), 18-26. | 
 
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