हिन्दी साहित्य में गांधीवादी विचारधारा का प्रभाव

Shodh Sangam Patrika

Shodh Sangam

Patrika

A National, Peer-reviewed, Quarterly Journal

  ISSN: 3049-0707 (Online)
ISSN: 3049-172X (Print)

Call For Paper - Volume - 2 Issue - 4 (October - December 2025)
Article Title

हिन्दी साहित्य में गांधीवादी विचारधारा का प्रभाव

Author(s) सुमित देव.
Country
Abstract

गांधीवादी विचारधारा भारतीय इतिहास, समाज और साहित्य के विकास में एक केंद्रीय भूमिका निभाने वाली विचारधारा रही है। महात्मा गांधी के नेतृत्व में सत्य, अहिंसा, स्वदेशी, आत्मनिर्भरता और नैतिकता जैसे सिद्धांतों ने केवल राजनीतिक क्रांति को जन्म नहीं दिया, बल्कि सामाजिक चेतना और सांस्कृतिक मूल्यों में भी गहरा परिवर्तन उत्पन्न किया। गांधी जी का प्रभाव भारतीय समाज के प्रत्येक क्षेत्र में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। उन्होंने जाति प्रथा, छुआछूत, स्त्री-पुरुष असमानता और उपभोक्तावाद जैसी समस्याओं को चुनौती दी। उन्होंने भारतीयता को न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से परिभाषित किया, बल्कि आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों से भी उसे समृद्ध किया। उनका आदर्श 'ग्राम स्वराज' भारत के नवनिर्माण का एक सशक्त प्रतीक बना। हिन्दी साहित्य, जो हमेशा से समाज का दर्पण रहा है, गांधीवादी विचारधारा से अछूता नहीं रहा। बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भ में जब देश स्वतंत्रता संग्राम की आग में जल रहा था, हिन्दी साहित्यकारों ने भी अपनी लेखनी को सामाजिक बदलाव और जनजागरण का माध्यम बनाया। गांधी जी के सिद्धांतों और कार्यों से प्रेरित होकर अनेक रचनाकारों ने हिन्दी साहित्य में नैतिकता, आत्मबल, असहयोग आंदोलन, खादी, और स्वराज जैसे विषयों को स्थान दिया।

Area हिन्दी साहित्य
Issue Volume 1, Issue 4 (October - December 2024)
Published 13-11-2024
How to Cite Shodh Sangam Patrika, 1(4), 12-17.

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