भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और हिन्दी कविता: एक वैचारिक अध्ययन

Shodh Sangam Patrika

Shodh Sangam

Patrika

A National, Peer-reviewed, Quarterly Journal

  ISSN: 3049-0707 (Online)
ISSN: 3049-172X (Print)

Call For Paper - Volume - 2 Issue - 3 (July - September 2025)
Article Title

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और हिन्दी कविता: एक वैचारिक अध्ययन

Author(s) मोहन सिंह.
Country
Abstract

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन, केवल एक राजनीतिक संघर्ष न होकर, एक सांस्कृतिक, सामाजिक और बौद्धिक पुनर्जागरण का भी प्रतीक रहा है। यह वह कालखंड था जब देशभक्ति केवल शस्त्रों से नहीं, बल्कि शब्दों और विचारों से भी लड़ी जा रही थी। इस आंदोलन ने भारतीय समाज को नई चेतना, आत्मगौरव और संघर्ष की प्रेरणा दी। इस राष्ट्रीय संघर्ष के दौरान हिन्दी कविता ने जनमानस को जाग्रत करने, विद्रोह को स्वर देने और स्वतंत्रता की भावना को व्यापक रूप से फैलाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हिन्दी कविता ने न केवल तत्कालीन सामाजिक यथार्थ को अभिव्यक्त किया, बल्कि जन-जन तक राष्ट्रीय भावना को पहुँचाने का माध्यम भी बनी। भारतेंदु से लेकर दिनकर तक, हिन्दी कवियों ने अपने काव्य में समय की धड़कनों को पहचाना और उन्हें भाषा में ढालकर लोगों के हृदय तक पहुँचाया। उनकी कविताओं ने जहाँ एक ओर अंग्रेज़ी दासता के विरुद्ध संघर्ष का आह्वान किया, वहीं दूसरी ओर सांस्कृतिक पुनरुत्थान और भारतीयता की पहचान को भी सुदृढ़ किया।

Area हिन्दी साहित्य
Published In Volume 1, Issue 1, March 2024
Published On 27-03-2024
Cite This सिंह, मोहन (2024). भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और हिन्दी कविता: एक वैचारिक अध्ययन. Shodh Sangam Patrika, 1(1), pp. 31-37.

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