Article Title |
एकभाषी से बहुभाषी समाज की यात्रा : प्रवासी भारतीयों की भूमिका |
Author(s) | कु. आशा मद्धेशिया, डॉ. पूनम सिंह. |
Country | |
Abstract |
प्रवासी साहित्य एवं भाषा के संदर्भ में सामाजिक-भाषाविदों ने बताया है कि समय परिवर्तनशील होने के कारण भाषा में अनिवार्य रूप से परिवर्तन होंगे। दूसरी तरफ, समकालीन समूदायों के द्वारा प्रत्यक्ष शिक्षण के साथ- साथ इंटरनेट के माध्यम से अभिनव शिक्षण कार्यक्रमों को अपनाकर पैतृक भाषा के उपयोग को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है। एकभाषी से बहुभाषी समाज की यात्रा में बॉलीवुड की वैश्विक पहुँच भी एक महत्वपूर्ण कारक है जिस पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि यह एक भाषा के रूप में हिंदी से परिचित होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। |
Area | हिन्दी साहित्य |
Published In | Volume 2, Issue 2, June 2025 |
Published On | 30-06-2025 |
Cite This | मद्धेशिया, कु. आशा, & सिंह, डॉ. पूनम (2025). एकभाषी से बहुभाषी समाज की यात्रा : प्रवासी भारतीयों की भूमिका. Shodh Sangam Patrika, 2(2), pp. 142-146. |