एकभाषी से बहु‌भाषी समाज की यात्रा : प्रवासी भारतीयों की भूमिका

Shodh Sangam Patrika

Shodh Sangam

Patrika

A National, Peer-reviewed, Quarterly Journal

  ISSN: 3049-0707 (Online)
ISSN: 3049-172X (Print)

Call For Paper - Volume - 2 Issue - 3 (July - September 2025)
Article Title

एकभाषी से बहु‌भाषी समाज की यात्रा : प्रवासी भारतीयों की भूमिका

Author(s) कु. आशा मद्धेशिया, डॉ. पूनम सिंह.
Country
Abstract

प्रवासी साहित्य एवं भाषा के संदर्भ में सामाजिक-भाषाविदों ने बताया है कि समय परिवर्तनशील होने के कारण भाषा में अनिवार्य रूप से परिवर्तन होंगे। दूसरी तरफ, समकालीन समूदायों के द्वारा प्रत्यक्ष शिक्षण के साथ- साथ इंटरनेट के माध्यम से अभिनव शिक्षण कार्यक्रमों को अपनाकर पैतृक भाषा के उपयोग को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है। एकभाषी से बहुभाषी समाज की यात्रा में बॉलीवुड की वैश्विक पहुँच भी एक महत्वपूर्ण कारक है जिस पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि यह एक भाषा के रूप में हिंदी से परिचित होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Area हिन्दी साहित्य
Published In Volume 2, Issue 2, June 2025
Published On 30-06-2025
Cite This मद्धेशिया, कु. आशा, & सिंह, डॉ. पूनम (2025). एकभाषी से बहु‌भाषी समाज की यात्रा : प्रवासी भारतीयों की भूमिका. Shodh Sangam Patrika, 2(2), pp. 142-146.

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