महिला सशक्तिकरण

Shodh Sangam Patrika

Shodh Sangam

Patrika

A National, Peer-reviewed, Quarterly Journal

  ISSN: 3049-0707 (Online)
ISSN: 3049-172X (Print)

Call For Paper - Volume - 2 Issue - 4 (October - December 2025)
Article Title

महिला सशक्तिकरण

Author(s) Madhavi Abichandani, Dr.S K. Thakur.
Country
Abstract

सार- बदलती परिस्थितियों के साथ आज 21 वीं सदी में महिलाओं को सषक्त व सबल बनाने के प्रयासों का प्रभाव परिलक्षित हो रहा है। महिलाएं आज हर क्षेत्र में प्रगति कर रही है। आज की नारी किसी भी मामले में पुरुष से कम नहीं है। वैदिक काल से वर्तमान तक अनेक उतार-चढ़ाव देखते हुए, समाज सुधारकों के अथक प्रयासों, वर्षों से सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियानों के परिणाम स्वरुप एवं स्वयं के असीम संघर्षों के पष्चात् भारतीय नारी शताब्दियों की परतंत्रता की बेडियों के बंधन से मुक्त हुई, उसने सार्वजनिक जीवन में प्रवेष किया, जिससे वह पति सेवा के अतिरिक्त राष्ट्र जाति एवं स्वयं के प्रति अपने उत्तरदायित्वों को समझ सकी। अपने अधिकारों के प्रति उसमें जागरुकता पैदा हुई, उसने घर की चारदीवारी को लांघकर, परम्परागत सीमाओं को तोड,़ समाज में अपने महत्वपूर्ण योगदान द्वारा नवीनता को प्रतिस्थापित किया। महिलाओं में अपने पैरों पर खडे होने का स्वावलम्बन प्रस्फुटित होने लगा व उसने स्वतंत्र अस्तित्व की स्थापना का प्रयास किया। षिक्षा और आर्थिक मजबूती ने नारी आत्मविष्वास में वृद्धि की। आज की नारी पुरुष वर्चस्व अधिकार क्षेत्र की प्राचीरों को तोड़ने में प्रयासरत है। वह स्वेच्छानुसार अपने व्यक्तित्व निर्माण की दिषा में शैक्षिक, राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, प्रषासनिक एवं खेलकूद आदि विविध क्षेत्रों में उपलब्धियों के नये आयाम तय कर रही है। आर्थिक दृष्टि से आज की नारी अर्थचक्र के केन्द्र की ओर बढ़ रही है ।

Area वाणिज्य
Issue Volume 2, Issue 1 (January - March 2025)
Published 25-02-2025
How to Cite Abichandani, M., & Thakur, D.K. (2025). महिला सशक्तिकरण. Shodh Sangam Patrika, 2(1), 40-48.

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