Article Title |
धर्मवीर भारती के साहित्य में मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति |
Author(s) | Praween Verma. |
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Abstract |
धर्मवीर भारती हिंदी साहित्य के उन विशिष्ट रचनाकारों में से हैं, जिन्होंने अपने साहित्य के माध्यम से मानवीय संवेदनाओं को गहनता और सूक्ष्मता से व्यक्त किया। यह शोध पत्र उनके साहित्य में प्रेम, दुख, संघर्ष और सामाजिक संवेदनाओं की अभिव्यक्ति का विश्लेषण करता है। उनकी प्रमुख रचनाएँ जैसे गुनाहों का देवता, अंधा युग और सूरज का सातवाँ घोड़ा इस अध्ययन का आधार हैं। इन रचनाओं में भारती ने मानव मन की जटिल भावनाओं को पात्रों, कथानक और प्रतीकों के माध्यम से उजागर किया है। इस शोध का उद्देश्य यह समझना है कि भारती ने व्यक्तिगत और सामाजिक संदर्भों में संवेदनाओं को कैसे चित्रित किया और उनकी शैली अन्य समकालीन लेखकों से किस प्रकार भिन्न है। विश्लेषण से पता चलता है कि उनकी रचनाएँ प्रेम और त्याग की कोमलता से लेकर युद्ध और नैतिकता के कठोर प्रश्नों तक संवेदनाओं का व्यापक चित्र प्रस्तुत करती हैं। यह अध्ययन न केवल भारती के साहित्यिक योगदान को रेखांकित करता है, बल्कि आधुनिक संदर्भ में उनकी प्रासंगिकता को भी उजागर करता है। निष्कर्षतः, भारती का साहित्य मानवीय संवेदनाओं का एक सशक्त दस्तावेज है, जो पाठकों को आत्म-चिंतन के लिए प्रेरित करता है। |
Area | हिन्दी साहित्य |
Published In | Volume 2, Issue 1, March 2025 |
Published On | 30-03-2025 |
Cite This | Verma, Praween (2025). धर्मवीर भारती के साहित्य में मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति. Shodh Sangam Patrika, 2(1), pp. 83-89. |