Article Title |
1917 से 1942 तक बिहार के किसानों के संघर्षों में राष्ट्रीय कांग्रेस की भूमिका: एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष |
Author(s) | Brajesh Kumar Rai, Dr. Anand Kumar Tripathi. |
Country | |
Abstract |
1917 से 1942 तक बिहार के किसानों के संघर्षों में राष्ट्रीय कांग्रेस की भूमिका का अध्ययन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और समाज सुधार आंदोलन के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। यह अवधि भारतीय राजनीति में बदलाव का दौर था, जहां ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ आम जनता, खासकर किसानों, ने सक्रिय रूप से विरोध प्रदर्शन किया। बिहार, जो कृषि प्रधान राज्य था, यहां के किसानों की समस्याओं और उनके संघर्षों को राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा संबोधित किया गया। 1917 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में चंपारण सत्याग्रह जैसे आंदोलनों ने न केवल बिहार के किसानों को जागरूक किया, बल्कि उन्हें संगठित भी किया। यह समय भारत के स्वतंत्रता संग्राम में किसान वर्ग की भागीदारी का प्रमुख समय था, और राष्ट्रीय कांग्रेस ने उनकी समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। किसानों की मुख्य समस्याएं भूमि कर, जमींदारी प्रथा, और बकाया कर थे, जिनके कारण उनका जीवन अत्यधिक कठिन हो गया था। ब्रिटिश शासन द्वारा निर्धारित ऊंचे कर और अन्य प्रशासनिक नीतियों ने किसानों को शोषण का शिकार बना दिया था। इन समस्याओं का समाधान नहीं होने पर, बिहार के किसान आंदोलनों का हिस्सा बन गए, जो राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख बन गए। कांग्रेस ने इन संघर्षों को एक राजनीतिक मंच पर उठाया और महात्मा गांधी के नेतृत्व में उन्हें सांविधानिक और कानूनी तरीकों से हल करने की दिशा में काम किया। |
Area | इतिहास |
Published In | Volume 2, Issue 1, March 2025 |
Published On | 30-03-2025 |
Cite This | Rai, Brajesh Kumar, & Tripathi, Anand Kumar (2025). 1917 से 1942 तक बिहार के किसानों के संघर्षों में राष्ट्रीय कांग्रेस की भूमिका: एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष. Shodh Sangam Patrika, 2(1), pp. 95-101. |