खुसरो के साहित्य में समाज

Shodh Sangam Patrika

Shodh Sangam

Patrika

A National, Peer-reviewed, Quarterly Journal

  ISSN: 3049-0707 (Online)
ISSN: 3049-172X (Print)

Call For Paper - Volume - 2 Issue - 3 (July - September 2025)
Article Title

खुसरो के साहित्य में समाज

Author(s) डॉ० मनीष ओझा.
Country
Abstract

खुसरो का साहित्य तत्कालीन भारतीय समाज का जीवंत दस्तावेज़ है। यह वह समय है जहाँ विविध धर्मों, सम्प्रदायों, भाषाओं और संस्कृतियों का समागम हुआ। सात सौ वर्ष पहले का मध्यकालीन भारतीय समाज और उसकी संस्कृति को देखना हो तो अमीर खुसरो के साहित्य को विपुल कोष भंडार कहा जा सकता है । प्रचलित रीति-रिवाज़, बोली-बानी, वेश-भूषा, खान-पान, तीज-त्योहार, लोक विश्वास, लोक गीत-संगीत, दैनिक जीवन का रूप रंग, प्रतिदिन होने वाले क्रियाकलाप, नगर एवं ग्रामीण जीवन की झलक और ललित कलाएँ ; यानी संपूर्ण तत्कालीन भारतीय नगरीय जीवन की थाप तथा ग्रामीण जीवन की मधुर झंकार को उनके साहित्य में सुना जा सकता है ।

Area हिन्दी साहित्य
Published In Volume 2, Issue 2, May 2025
Published On 20-05-2025
Cite This ओझा, डॉ० मनीष (2025). खुसरो के साहित्य में समाज. Shodh Sangam Patrika, 2(2), pp. 18-26.

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