प्रतीकात्मक से लोकात्मक: जयनगर की मिट्टी की प्रतिमाओं में देवताओं का रूपांतरण

Shodh Sangam Patrika

Shodh Sangam

Patrika

A National, Peer-reviewed, Quarterly Journal

  ISSN: 3049-0707 (Online)
ISSN: 3049-172X (Print)

Call For Paper - Volume - 2 Issue - 3 (July - September 2025)
Article Title

प्रतीकात्मक से लोकात्मक: जयनगर की मिट्टी की प्रतिमाओं में देवताओं का रूपांतरण

Author(s) तन्मय सेन.
Country
Abstract

यह शोध पत्र इस बात की पड़ताल करता है कि बंगाली संस्कृति में पौराणिक देवताओं - जैसे कृष्ण, बलराम, राधा, दुर्गा और अन्य - को जयनगर माजिलपुर की पारंपरिक मिट्टी की गुड़िया बनाने की प्रथाओं के माध्यम से स्थानीय रूपों में कैसे बदला गया है। ये आकृतियाँ, जो कभी शास्त्रीय प्रतीकात्मकता का हिस्सा थीं, को सरलीकृत, जीवंत और अभिव्यंजक रूपों में फिर से कल्पना की गई है जो बंगाल के ग्रामीण सौंदर्यशास्त्र और सांस्कृतिक लोकाचार को दर्शाती हैं। महज खिलौने होने से कहीं आगे, ये गुड़िया स्थानीय अनुष्ठानों और लोक कथाओं में धार्मिक, प्रदर्शनकारी और प्रतीकात्मक उद्देश्यों की पूर्ति करती हैं।

Area समाजशास्त्र
Published In Volume 2, Issue 2, June 2025
Published On 18-06-2025
Cite This सेन, तन्मय (2025). प्रतीकात्मक से लोकात्मक: जयनगर की मिट्टी की प्रतिमाओं में देवताओं का रूपांतरण. Shodh Sangam Patrika, 2(2), pp. 88-97.

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