छत्तीगढ़ के शैल चित्रकला - रायगढ़ एवं सारंगढ़ जिले के विशेष संदर्भ में

Shodh Sangam Patrika

Shodh Sangam

Patrika

A National, Peer-reviewed, Quarterly Journal

  ISSN: 3049-0707 (Online)
ISSN: 3049-172X (Print)

Call For Paper - Volume - 2 Issue - 4 (October - December 2025)
Article Title

छत्तीगढ़ के शैल चित्रकला – रायगढ़ एवं सारंगढ़ जिले के विशेष संदर्भ में

Author(s) श्री लेखराज मांडलेय, डा. प्रमोद कुमार कुर्रे.
Country
Abstract

संसार के मानव जाति की हर सभ्यता वक्त की रेत पर अपने निशान छोड़ जाती है, ऐसे ही शैलचित्रों की अनोखी दुर्लभ श्रृंखला छत्तीसगढ़ प्रदेश के रायगढ़ और सारंगढ़ जिले की पहाडिय़ों में बिखरी हुई है, जो सदियां बीतने पर भी धूमिल नहीं हुई है और प्रागैतिहासिक काल से मानव विकास क्रम की कहानियां बयाँ कर रही हैं। रायगढ़ और सारंगढ़ जिले में हजारों वर्ष पुराने पाषाणकालीन समृद्धशाली शैलचित्रों का खजाना है, जो न केवल देश एवं प्रदेश में बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। ऐसी दुर्लभ पुरासंपदा हमारी प्राचीन सभ्यता के जीवंत अमूल्य अवशेष है। रायगढ़ जिले में आदिम मानवों द्वारा निर्मित शैल चित्र निम्न स्थलों से मिले है - सिंघनपुर, कबरा पहाड़, ओंगना, नवागढ़ पहाड़ी, करमागढ़, बसनाझर, भैंसगढ़ी, खैरपुर, बेनिपाट, ऐसे ही नव निर्मित जिला सारंगढ़ के जैसे अनेक स्थानों में जैसे -सिरौलीडोंगरी ,गाताडीह, बैनीपाट, और बह्मनदेई के शैलाश्रय में शैलचित्र उकेरे गए है, जिनमें पशु-पक्षी, आखेट के दृश्य, परम्परा, जीवनशैली,शिकारों के ये चित्र इनके जीवन के प्रतिबिम्ब थे। इन चित्रों के साथ अनेक सांकेतिक चिन्ह. जैसे -हाथ के पंजों के चिन्ह , गोल या चौकोर अन्य चिन्ह आदि, स्पष्ट है कि विशेष अर्थो लिए प्रयुक्त होते रहे होगे। पर्व एवं त्यौहार का चित्रांकन दीवारों पर किया गया है। ऐसे रॉक पेंटिंग विश्व के अन्य देशों फ्रांस, स्पेन, आस्ट्रेलिया एवं मेक्सिको में भी पाये गए हैं। प्रागैतिहासिक काल में आदिम मानव इन सघन एवं दुर्गम पहाडिय़ों में गुफाओं एवं कंदराओं में निवास करते थे और यहां सभ्यता का विकास होता गया। आदिम कुशल चित्रकारों द्वारा बनाये इन शैलचित्रों में उनकी जीवनशैली एवं परिवेश की अनुगूंज सुनाई देती है, जिसकी भावनात्मक अभिव्यक्ति इन रेखाचित्रों के रूप में उभरकर सामने आती है। आदिमानव रंगों के प्रयोग से अनभिज्ञ नहीं थे। यह शैलचित्र हमारे पुरखों द्वारा दिया गया बहुमूल्य उपहार है।

Area इतिहास
Issue Volume 2, Issue 2 (April - June 2025)
Published 26-06-2025
How to Cite Shodh Sangam Patrika, 2(2), 107-113.

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