Article Title |
बस्तर के जनजातीय लोककथाओं में ऐतिहासिकता |
Author(s) | गावस्कर कौशिक. |
Country | |
Abstract |
इतिहास के पुनर्निर्माण में ऐतिहासिक स्रोत के रूप में लोककथाओं का बहुत अधिक महत्व होता है। बस्तर की आदिवासी लोककथाएँ बस्तर के इतिहास और वहाँ की जनजाति संस्कृति को समझने के लिए महत्वपूर्ण स्रोत हैं।लोककथाएं अपने अन्तस् में अतीत की घटनाओं, परम्पराओं, लोकविश्वास, रीति रिवाज और सामाजिक संरचनाओं को समेटे हुए होते है। जनजातीय लोक कथाओं में उनकी धार्मिक विश्वास, मान्यताओं ,देवी-देवताओं, और अनुष्ठानों के बारे में विशद जानकारी निहित होती हैं, जो उनके आध्यात्मिक जीवन का अभिन्न अंग हैं। लोक या मिथ कथाएँ पूरी तरह सत्य नहीं होती है, किंतु वे सत्यता के बहुत निकट जरुर होते हैं। कई बार सत्य घटनाओ में रूपक एवम कल्पना के सहारे लोककथा गढ़ दी जाती है ,जो पीढी दर पीढ़ी व्यापक स्तर में फैल जाती है। जनजातीय लोककथाओं का अध्ययन ऐतिहासिक स्रोत के रूप में कर उनके विश्लेषण से काल के गर्भ में छुपी इतिहास तक पहुंचने का प्रयास किया सकता है। |
Area | हिन्दी साहित्य |
Published In | Volume 2, Issue 3, August 2025 |
Published On | 29-08-2025 |
Cite This | कौशिक, गावस्कर (2025). बस्तर के जनजातीय लोककथाओं में ऐतिहासिकता. Shodh Sangam Patrika, 2(3), pp. 52-57. |