षोडश संस्कार की वैज्ञानिकता एवं ज्योतिषशास्त्रीय महत्त्व: गर्भाधान संस्कार

Shodh Sangam Patrika

Shodh Sangam

Patrika

A National, Peer-reviewed, Quarterly Journal

  ISSN: 3049-0707 (Online)
ISSN: 3049-172X (Print)

Call For Paper - Volume - 2 Issue - 4 (October - December 2025)
Article Title

षोडश संस्कार की वैज्ञानिकता एवं ज्योतिषशास्त्रीय महत्त्व: गर्भाधान संस्कार

Author(s) चमन लाल.
Country
Abstract

हमारे ऋषिमुनियों द्वारा स्थापित षोड्श संस्कार में गर्भाधान संस्कार पहले स्थान पर आता है। गर्भाधान संस्कार के द्वारा किसी भी जातक का भविष्य तय होता है। ज्योतिष एवं धर्मशास्त्र में गर्भाधान करने की मुहूर्त एवं विधि बतायी गई हैं। किस समय गर्भाधान संस्कार करने से गर्भधारण होगा? किस मुहूर्त में गर्भाधान करने से पुरुष जातक उत्पन्न होंगे किस मुहूर्त में स्त्री जातक उत्पन्न होगी? यदि गर्भधारण न हो रही हो तो कौन से उपाय करने चाहिए। अधुना लोग गर्भाधान तो करते परन्तु गर्भधान संबंधी संस्कार नहीं करते। इस लेख के द्वारा गर्भाधान की वैज्ञानिकता एवं ज्योतिषशास्त्रीय महत्त्व के बारे में बताया गया है।

Area संस्कृत
Issue Volume 2, Issue 1 (January - March 2025)
Published 23-03-2025
How to Cite Shodh Sangam Patrika, 2(1), 54-58.

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