हरियाणा में सनातन धर्म का सामाजिक एवं सांस्कृतिक प्रभाव

Shodh Sangam Patrika

Shodh Sangam

Patrika

A National, Peer-reviewed, Quarterly Journal

  ISSN: 3049-0707 (Online)
ISSN: 3049-172X (Print)

Call For Paper - Volume - 2 Issue - 4 (October - December 2025)
Article Title

हरियाणा में सनातन धर्म का सामाजिक एवं सांस्कृतिक प्रभाव

Author(s) रुचि हुड्डा.
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Abstract

भारत एक प्राचीन सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक धरोहर से समृद्ध राष्ट्र है, जिसकी पहचान सनातन धर्म से जुड़ी हुई है। सनातन धर्म कोई एक पंथ नहीं, बल्कि एक जीवनदृष्टि है, जो मानव जीवन के चार पुरुषार्थ – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को संतुलित रूप से साधने की बात करता है। यह धर्म सहिष्णुता, करुणा, सत्य, अहिंसा और आत्मानुभूति जैसे मूल्यों पर आधारित है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इस धर्म की अभिव्यक्ति भिन्न रूपों में होती आई है, और हरियाणा इस परंपरा का एक सशक्त केंद्र रहा है। हरियाणा, जो वैदिक काल में 'सरस्वती सभ्यता' का हिस्सा रहा, भारतीय सांस्कृतिक इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ऋग्वेद में वर्णित सरस्वती नदी के तट पर बसी यह भूमि महाभारत के युद्धस्थल कुरुक्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध है, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया। यह ऐतिहासिक पृष्ठभूमि हरियाणा को सनातन धर्म के गहरे प्रभावों का केंद्र बनाती है। यहां की लोक संस्कृति, रीति - रिवाज, त्योहार, सामाजिक संरचना और जीवन पद्धति में सनातन परंपराओं की गूंज स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। हरियाणा में सनातन धर्म का सामाजिक एवं सांस्कृतिक प्रभाव केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के दैनिक जीवन, पारिवारिक मूल्यों, आचार - विचार, तथा सामाजिक ताने - बाने में भी गहराई से समाहित है। विवाह, जन्म संस्कार, मृत्यु आदि सभी जीवन के पड़ावों पर सनातन परंपराओं की स्पष्ट झलक मिलती है। साथ ही, धार्मिक मेलों, मंदिरों, लोकगीतों, नृत्य शैलियों और लोककथाओं में भी इसकी सांस्कृतिक उपस्थिति देखी जा सकती है।

Area नृविज्ञान
Issue Volume 1, Issue 2 (April - June 2024)
Published 15-04-2024
How to Cite Shodh Sangam Patrika, 1(2), 1-5.

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