Article Title |
छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति में विद्यमान जैव विविधता संरक्षण की परंपरा |
Author(s) | नीलम संजीव एक्का. |
Country | |
Abstract |
सारांश- जनजातीय संस्कृति द्वारा जैव विविधता संरक्षण वैश्विक पटल पर अनूठा एवं महत्वपूर्ण विषय है,जो पारंपरिक ज्ञान,सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक संसाधनों के सामूहिक प्रबंधन से जुड़ा हुआ है| जनजातीय समुदायों का जीवन न केवल प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग से जुड़ा हुआ हैबल्कि यह जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है| यह शोधपत्र जनजातीय समुदायों की संस्कृति,उनके पारंपरिक ज्ञान और जैव विविधता के संरक्षण की विधियों पर केन्द्रित है| प्रस्तुत शोधपत्र द्वारा यह भी समझाने का प्रयास किया गया है कि आधुनिक विकास,औद्योगिकीकरण और पर्यावरणीय बदलाव इन समुदायों और उनके पारंपरिक ज्ञान को किस प्रकार प्रभावित कर रहे हैं | |
Area | समाजशास्त्र |
Published In | Volume 2, Issue 1, February 2025 |
Published On | 13-02-2025 |
Cite This | एक्का, नीलम संजीव (2025). छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति में विद्यमान जैव विविधता संरक्षण की परंपरा. Shodh Sangam Patrika, 2(1), pp. 28-34. |