| Article Title | श्री अरविंद और भारतीय युवाओं का आत्मनिर्माण: शिक्षा, अध्यात्म और राष्ट्रवाद का त्रिकोण | 
| Author(s) | हर्ष. | 
| Country | |
| Abstract | श्री अरविंद भारतीय इतिहास के एक अत्यंत प्रभावशाली व्यक्तित्व थे, जिनका जीवन और शिक्षाएं भारतीय युवाओं के लिए अपार प्रेरणा का स्रोत हैं। वे एक दार्शनिक, योगी, कवि, और राष्ट्रवादी नेता के रूप में प्रसिद्ध हुए, और उनकी विरासत व्यक्तिगत और सामूहिक विकास के लिए गहन दिशा-निर्देश प्रदान करती है। श्री अरविंद की शैक्षिक दृष्टि अत्यंत महत्वपूर्ण और समग्र थी। उन्होंने एक ऐसी शिक्षा प्रणाली की वकालत की, जो केवल जानकारी देने तक सीमित न हो, बल्कि संपूर्ण मानव के पोषण पर जोर दे। उन्होंने आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता और नैतिक मूल्यों के विकास पर बल दिया, ताकि छात्र केवल विद्वान ही न बनें, बल्कि बुद्धिमान और दयालु नागरिक भी बन सकें। उनका उद्देश्य शिक्षा को एक ऐसा साधन बनाना था, जो आत्मविकास के साथ-साथ समाज के प्रति जिम्मेदारी का भी पाठ पढ़ाए। श्री अरविंद ने सांस्कृतिक गर्व और वैश्विक दृष्टिकोण के महत्व को भी उजागर किया। उन्होंने भारत की विशिष्ट आध्यात्मिक विरासत में विश्वास रखा और इसे वैश्विक सभ्यता में योगदान देने की क्षमता मानते थे। वे पूर्व की आध्यात्मिक बुद्धि और पश्चिम की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के बीच एक सामंजस्य स्थापित करने का आह्वान करते थे। उनके अनुसार, युवा भारतीय अपनी सांस्कृतिक पहचान में मजबूत रहते हुए, विश्व के साथ जुड़ने में सक्षम हो सकते हैं। | 
| Area | हिन्दी साहित्य | 
| Issue | Volume 2, Issue 3 (July - September 2025) | 
| Published | 05-08-2025 | 
| How to Cite | हर्ष, (2025). श्री अरविंद और भारतीय युवाओं का आत्मनिर्माण: शिक्षा, अध्यात्म और राष्ट्रवाद का त्रिकोण. Shodh Sangam Patrika, 2(3), 29-35. | 
 
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